राजनीतिक संवाददाता द्वारा
रांची: झारखंड में राज्यसभा चुनाव को लेकर सत्ताधारी महागठबंधन के दो दलों झामुमो और कांग्रेस में सहमति बनती नहीं दिख रही है. एक ओर जहां कांग्रेस विधानसभा में महागठबंधन के सदस्यों की संख्या को देखते हुए पहली प्राथमिकता वाली सीट पर दावा कर रही है तो वहीं 30 विधायकों वाली राज्य की सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा सुनिश्चित जीत वाली सीट पर अपनी दावेदारी ठोक रहा है.
28 मई को झामुमो ने बुलाई बड़ी बैठक: राज्यसभा चुनाव में झामुमो की ओर से उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने से पहले पार्टी ने 28 मई को सभी विधायकों, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सभी जिलाध्यक्षों, जिला सचिवों की बैठक बुलाई है. पार्टी के निवर्तमान केंद्रीय महासचिव और हेमंत सोरेन के बेहद करीबी विनोद पांडेय ने इसकी जानकारी देते हुए है कि पहले झामुमो 28 मई की बैठक में राज्यसभा चुनाव को लेकर चर्चा कर उम्मीदवार का चयन करेगा और उसके बाद सही समय पर इसकी घोषणा भी कर दिया जाएगा.जेएमएम नेता का बयानअभी कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं: झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य विनोद पांडेय ने साफ शब्दों में कहा कि अभी झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का दिल्ली जाने या कांग्रेस के बड़े नेताओं से मुलाकात का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है.
30 विधायक के साथ राज्यसभा की एक सीट के लिए सबसे ज्यादा कम्फर्ट जोन में है झामुमो: राज्यसभा की दो सीटों के लिए चुनाव 10 जून 2022 को होना है. ऐसे में बंधु तिर्की की सदस्यता चले जाने के बाद विधानसभा में निर्वाचित सदस्यों की कुल संख्या 80 है. जीत के लिए पहली प्राथमिकता का 27 मत जरूरी होगा. झारखंड मुक्ति मोर्चा के पास 30 विधायकों की ताकत है. राजद के 01 विधायक और कांग्रेस के विधायकों की संख्या प्रदीप यादव को मिलाकर 17 है. भाजपा के विधायकों की संख्या बाबूलाल मरांडी को मिलाकर 26 है. आजसू के दो विधायक, एनसीपी के एक, माले के एक और दो निर्दलीय विधायक हैं.